बुधवार, 16 सितंबर 2015

सोने में जब जड़ कर हीरा,

सोने में जब जड़ कर हीरा, आभूषण बन जाता है, वह आभूषण फिर सोने का नही, हीरे का कहलाता है ।

काया इंसान की सोना है और, कर्म हीरा कहलाता है, कर्मो के निखार से ही, मूल्य सोने का बढ़ जाता है।

मंगलवार, 15 सितंबर 2015

आज की वानगी

" आज की वानगी "

     " चार चीजे इंसान को कभी खुश नहीं रख सकती... कार...मोबाइल... टीवी... और बीवी... क्योंकि अक्सर इनके लेटेस्ट मॉडल दूसरोंके पास होते है..... "
  शुभ प्रभात 

सोमवार, 14 सितंबर 2015

सिमटते जा रहे ह

सिमटते जा रहे है
दिल और जज्बात
के रिश्ते।
सोंदा करने मे जो
माहिर है बस वही
धनवान हैं।
गुड मोर्निंग

ऊँ नमः शिवाय

सभी शिव भक्तों से सविनय विनम्र निवेदन यही है...,
हमें सभी मन्त्रों का (वेदोक्त, पुराणोक्त अथवा अन्य )का सम्मान करना चाहिए,,,
मर्यादा शिव को अति प्रिय है,,,  क्योंकि प्रभु श्री राम रूप में मर्यादा की पराकाष्ठा थी,,,  (शंकर) शिव जी का संहारकर्ताकारक अवतार है, संहारकर्ता को सबसे ज्यादा शांत व मर्यादित रहने की आवश्यकता होती होगी यह बात अब समझ में थोड़ी सी आ रही है,  तभी भगवान शंकर राम नाम की माला फेरते हैं....  , विष्णु सहस्रनाम में भी भगवान शिव माता पार्वती से यही तो कह रहे हैं राम नाम वरानने....  श्री राम नाम वरानने...!!
राम राम राम राम राम राम काम राम,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे...,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ,
कर्पुर गौरं करूणावतारं
सन्सारसारं  भुजगेन्द्रहारं ,
सदा बसन्तं हृदयार्वीन्दये...,
भवं भवानी सहितं नमामि् .....!!
ऊँ पार्वतिश्वराय महादेवाय,
महाकाल कालभैरवाय...!
रामेश्वर नीलकंठाय,
काशीविश्वनाथ शिवाय....!!
अर्द्धनारीश्वर हराय,
त्र्यम्बकेश्वर भवाय....!!!
नन्दीश्वर भीमाशंकराय,
केदारेश्वर वैद्यनाथाय....!!!!
आशुतोष सोमनाथाय,
पशुपतिनाथ नागनाथाय....!!!!!
ओंकारेश्वर त्रिनेत्र गंगाधराय,
नाथनाथाय सदाशिवाय
नमो नमः नमो नमः ..... !!!!!!
""जय-जय महादेव महादेव महादेव,,
हर-हर महादेव महादेव महादेव"".... म
विशेष :- हर दिन की शुरुआतइस मन्त्र से करें... ...
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव"" ==सुबह उठते ही कहें.. ...
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव ""
==फिर सोने से पहले भी यही कहें...  ..
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव""
भगवान शिव आपकी सारी कठिनाईयां दूर कर देंगे....,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय .... ""जय-जय महादेव महादेव महादेव , हर-हर महादेव महादेव महादेव"" म

'समय' न लगाओ तय करने में

'समय' न लगाओ तय करने में, आप को करना क्या है.
वरना 'समय' तय कर लेगा कि, आपका क्या करना है.. .
पैसा  एक  ही  भाषा  बोलता  है,
अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..
"कल"  मै तुम्हे  बचा  लूंगा

"पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाऊंगा पर
जब तक मै नीचे हूँ
तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा.."

Truth of life

"मौन" और "मुस्कान"

नारद जी ने श्रीकृष्ण से पूछा प्रभु "मौन" और "मुस्कान" में क्या अंतर है ?
तो श्रीकृष्ण जी ने बहुत सुन्दर जबाब दिया--"मौन" और "मुस्कान" दो शक्तिशाली हथियार होते है.
"मुस्कान" से कई समस्याओ को हल किया जा सकता है और "मौन" रहकर कई समस्याओ को दूर रखा जा सकता है....।।।।
सुप्रभातम
आपका दिन मंगलमय  रहे
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उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,

"उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
"अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे
             दुनिया पड़ी है
           
मुस्कुराना हर किसी के बस का नहीं है....
मुस्करा वो ही सकता जो दिल का अमीर हो....

रविवार, 13 सितंबर 2015

अपमान करना


अपमान करना किसी के स्वभाव में
हो सकता है,.....,
पर सन्मान करना हमारे संस्कार में
होना चाहिए…...!!"
"जब तक सच घर से बाहर निकलता है..!
तब तक झूठ आधी दुनिया घूम लेता है...!

शनिवार, 12 सितंबर 2015

आत्मज

बच्चे का जन्म मां के गर्भ से होता है लेकिन.. पिता की  आत्मा से होता है। इसीलिए बेटे को "आत्मज " कहा जाता है।
     
माँ बच्चे की भूख पहचान लेती है और भोजन की थाली तुरंत ले आती है। पिता भविष्य में बच्चे को हमेशा भरी थाली मिलती रहे
इसका इंतजाम करता है।
        
माँ की पुचकार बड़ी से बड़ी गलतियों को सुधारने की ताकत रखती है। पिता की डांट छोटी से छोटी गलती करने से रोक देती है।
       

माँ का आंचल बच्चे को गर्मी सर्दी से बचाता है, तो ... "पिता वह बुलंद दरवाजा है जो दुनिया के हर वार को झेल लेता है लेकिन बच्चे तक एक खरोंच भी नहीं आने देता।"
     
   

शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

"उम्र"  और  "जिन्दगी" 

किसी ने  पूछा कि
"उम्र"  और  "जिन्दगी" 
में क्या फर्क  है ?

    बहुत  सुन्दर  जवाब…
    
जो  सतगुरु के बिना  बीती
     वो "उम्र" और
जो सतगुरु के साथ बीती
    वो "जिन्दगी"....

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो
तो भी एक अच्छा जूता पहनकर
उस पर चला जा सकता है..

लेकिन यदि एक अच्छे जूते
के अंदर एक भी कंकड़ हो तो
एक अच्छी सड़क पर भी
कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।

यानी -
"बाहर की चुनोतियों से नहीं
हम अपनी अंदर की कमजोरियों
से हारते हैं "

Sunder Pichai

Sunder Pichai is an alumnus of IIT kharagpur and now he has put India on the world map, after being promoted as CEO of the largest IT company in the world -Google.

He will now be dining with kings and presidents and as CEO will get a chance to change the world. He is probably the most influential and powerful Indian on the planet.

When his parents were interviewed and asked, how they feel at his elevation;
his mother replied wistfully,

"थोड़ी और मेहनत की होती, तो आज सरकारी नौकरी में होता

अंधे को मंदिर आया देख

अंधे को मंदिर आया देख
लोग हँसकर बोले -
"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
पर क्या भगवान को देख पाओगे?"
अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है,
मेरा भगवान तो  मुझे देख लेगा.

मंदिर में भीड़

चिंतनीय प्रसंग

आज मंदिर में बहुत भीड़ थी,
एक लड़का दर्शन के लिए लगी लम्बी लाइन को कुतुहल से देखरहा था।
तभी पास में एक पंडित जी आ गए और बोले-"आज बहुत लम्बी कतार है, यूँ दर्शन न हो पाएंगे,
विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था है, रु ५०१ दो में सीधे दर्शन करवा दूँगा !
"लड़का बोला-" रु ५००१ दूंगा, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें, कहना- मैं आया हूँ !
"पंडितजी बोले-" मजाक करते हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ? तुम हो कौन ?"
लड़का फिर बोला-" रु ५१००० दूंगा, उनसे कहो मुझ से मेरे घर पर आकर मिल ले !
"पंडितजी (सकपका गए और) बोले-"तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है?

"लड़का बोला-" वही तो मैं बताना चाहता हूँ कि आपने भगवान को क्या समझ रखा है?????

सही लगे तो शेयर करें

रिश्ते होते है मोतियों की तरह....

रिश्ते होते है मोतियों की
तरह....
कोई ''गिर'' भी जाए तो
''झुक'' के उठा लेना चाहिय

संबंधो को निभाने के लिए समय निकालिये

“संबंधो को निभाने के लिए समय निकालियें वरना,,

        जब आपके पास समय होगा,, तब तक शायद संबंध ही ना बचें”..!!☝

बुधवार, 9 सितंबर 2015

अस्त-व्यस्त

जो हमेशा कहे ..
मेरे पास समय नहीं...
असल में वह 'व्यस्त' नहीं,
बल्कि 'अस्त-व्यस्त' है..

।।स्वामी विवेकानंद।।

मंगलवार, 8 सितंबर 2015

पर आगे बढ़ते रहो !

मार्टिन लूथर ने कहा था...
"अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !
अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !
अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !
पर आगे बढ़ते रहो !"
अपनी सोच ओर दिशा बदलो
सफलता आपका स्वागत करेंगी.......

        

अच्छा काम करते रहो

अच्छा काम करते रहो कोई
सम्मान करे या ना करे।
सूर्य उदय तब भी होता है
जब करोड़ो लोग सोये हुए होते है।।

Enjoy by giving

एक बार पचास लोगों का ग्रुप किसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था।
सेमीनार शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक
ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ” आप
सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने
ऐसा ही किया।

अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।
स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर
अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।

सारे पार्टिसिपेंट्स
तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने
लगे।

पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…

  5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर
बुला लिया गया।

स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप
सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”

नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर
हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक
पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।

“कोई बात नहीं , आप लोग एक
बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे
अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति का नाम पुकारे जिसका नाम उसपर
लिखा हुआ है। “, स्पीकर ने निर्दश दिया।

एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे
में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे
को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।

स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,

☝☝” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।
हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई
मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस
पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद
भी उसे कुछ नहीं मिलता ,

दोस्तों हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में
छिपी हुई है।

जब तुम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जाओगे
तो अपने आप ही तुम्हे तुम्हारी खुशियां मिल जाएँगी।

✌  

और यही मानव-
जीवन का उद्देश्य है ।

प्रथमं जिनेन्द्रनम्

यः संस्तुतः सकल-वाड्मय-तत्व-बोधा- दुद् भूत-बुद्धि-पटुभिः सुर-लोक-नाथेः | स्तोत्रैर्जगत् त्रितय-चित-हरैरुदारेः स्तोष्ये किलाहमपि

तं प्रथमं जिनेन्द्रनम् ||

अर्थ :सम्पूर्णश्रुतज्ञान से उत्पन्न हुई बुद्धि की कुशलता से इन्द्रों के द्वारा तीन लोक के मन को हरने वाले, गंभीर स्तोत्रों के द्वारा
जिनकी स्तुति की गई है उन आदिनाथ जिनेन्द्र की निश्चय ही मैं (मानतुंग) भी स्तुति करुँगा|

रविवार, 6 सितंबर 2015

Every woman  is a queen.

An English Man: Why do your Indian ladies not  shake hands? There's no harm..
Swami Vivekanand: Can an ordinary citizen in your country shake hands with  your Queen?
EnglishMan: "NO".
Vivekanand: In our country each and every woman  is a queen.

शनिवार, 5 सितंबर 2015

तुलसी वृक्ष ना जानिये

"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।
   अर्थात-
तुलसी को कभी पेड़ ना समझें
गाय को पशु समझने की गलती ना करें और
गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें,
क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं"।

जय श्री कृष्णा
  Զเधे Զเधे

शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

अर्जुन उवाच

( अर्जुन उवाच )

चंचलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद्दृढम् |

तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ||

अर्थात् : ( अर्जुन ने श्री हरि से पूछा ) हे कृष्ण ! यह मन चंचल और प्रमथन स्वभाव का तथा बलवान् और दृढ़ है ; उसका निग्रह

( वश में करना ) मैं वायु के समान अति दुष्कर मानता हूँ |

सावित्री

सावित्री अपने पति सत्यवान को यमराज के घर से भी वापस ले आई।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि – स्वयं यमराज भी आपको पत्नी से नहीं बचा सकते।

इसलिए अपनी पत्नी के साथ शांति और प्रेम से रहिये।
इसी में आपकी भलाई है !

गुरुवार, 3 सितंबर 2015

Strength grows when we Dare

Strength grows when we Dare,Unity grows when we pair,Love grows when we share,Relation grows when we care,Let's Live in Peace Not in Pieces........
GOOD MORNING

मान सम्मान शील सदाचार

हमारा किसी स्थान पर  रहना
तब तक ही ठीक है जब तक मान सम्मान शील सदाचार बना रहे इसमें थोड़ी सी भी ढील अथवा कमी दिखाई दे
दे तो हमें तुरंत वहाँ से कूच कर लेना चाहिए इससे व्यक्ति का स्वाभिमान एवम सम्मान बना रहता है

Think twice... Act wise

Never explain yourself to anyone.. Because the person who likes you doesn't need it & the person who doesn't like you won't believe it..ll
"Think twice... Act wise."
 
किसी को भी आप अपने बारे में कभी स्पष्टता मत दीजिये l क्योंकि जो लोग आपको पसंद करते हैं और आप पर विश्वास करते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की स्पष्टता की जरुरत नहीं है l और जो लोग आपको पसंद नहीं करते हैं वो आपकी किसी भी प्रकार की स्पष्टता पर विश्वास नहीं करेंगे ll
        शुभ प्रभात 

God is always with u

दुर्योधन ने श्री कृष्ण की पूरी नारायणी सेना मांग ली थी।
और अर्जुन ने केवल श्री कृष्ण को मांगा था।

उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन की चुटकी (मजाक) लेते हुए कहा:-
हार निश्चित हैं तेरी, हर दम रहेगा उदास ।
माखन दुर्योधन ले गया, केवल छाछ बची तेरे पास ।
अर्जुन ने कहा :- हे प्रभु
जीत निश्चित हैं मेरी, दास हो नहीं सकता उदास ।
माखन लेकर क्या करूँ, जब माखन चोर हैं मेरे पास ।
God is always with u

सोमवार, 31 अगस्त 2015

रितु बसंत जाचक भया


रितु बसंत जाचक भया, हर लिये  द्रुम पात।
ताते नव पल्लव भया, दिया दूर नहीं जात।।
भावार्थ
बसंत ऋतु के आगमन पर समस्त पेङों के पत्ते झङ जाते हैं किन्तु शीघ्र ही नव पल्लव का भी आगमन हो जाता है
कबीर कहते हैं कि उसी प्रकार जरूरतमंद को किया गया अर्थ दान जाता अवश्य दिखाई देता है किंतु ईश्वर किसी न किसी माध्यम से उसकी पूर्ति कई गु
ना पूरी कर देता है परोपकार मैं लगाया धन नव पत्तों की तरह फिर से प्राप्त हो जाता है

सत्संगतिः मनुष्यों का कौन सा भला नहीं करती

जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं ,

मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति |

चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं ,

सत्संगतिः कथय किं न करोति पुंसाम् ||

अर्थात्: अच्छे मित्रों का साथ बुद्धि की जड़ता को हर लेता है ,वाणी में सत्य का संचार करता है, मान और उन्नति को बढ़ाता है

और पाप से मुक्त करता है | चित्त को प्रसन्न करता है और ( हमारी )कीर्ति को सभी दिशाओं में फैलाता है |(आप ही ) कहें कि

सत्संगतिः मनुष्यों का कौन सा भला नहीं करती |

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है

बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः |

श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||

अर्थात् : जो व्यक्ति धर्म ( कर्तव्य ) से विमुख होता है वह ( व्यक्ति ) बलवान् हो कर भी असमर्थ , धनवान् हो कर भी निर्धन तथा

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है |

please smile in every conditions with everyone

ईश्वर "टूटी" हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से
करता है ..,,
जैसे ....
बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ......
मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है....
पौधा टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है .....
और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है ....
इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करे तो समझ
लिजिये ईश्वर आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के
लिये करना चाहता है So please smile in every
conditions with everyone

जनाजा

जनाजे को ले जाते वक्त ये ना सोचो के तुम उसे उसकी मंजिल तक पोहचा रहे हो,

हकीकत मे वो जनाजा तुम्हे तुम्हारी मंजिल बता रहा है...‼

गुरुवार, 27 अगस्त 2015

व्यवहार और शब्द

कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता...,,

हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है..

खाली बोतल

खाली बोतल ले जानेवालो ने
बंगले बना लिए ,

और बोतल खाली करने
वालो ने जमीन बेच दी ।

मूँगफली में दाना नहीं

आज का गंभीर विचार:

रिश्तों को बहुत ही सावधानी से निभाना चाहिये
...रिश्ते की डोर बड़ी नाज़ुक होती है ...जरा सी बात पे कैसे एक रिश्ता टूट जाता है, उदाहरण देखें

मूँगफली में दाना नहीं ... हम तुम्हारे मामा नहीं

बुधवार, 26 अगस्त 2015

चिंता का विषय

चिंता का विषय:

जिस देश में लोगो को "पिछड़ा" करने की होड़ लगी हो वो "देश" आगे कैसे बढेगा...!!

भगवती करणी (रोला छंद)

भगवती करणी (रोला छंद)

नमो नाथ परभाथ, भवानी करणी माता।
सद् बुध्दि  विनय विवेक , सुख संपत्ति की दाता।।

Don't hurt a friend

Thought for the day....

Don't hurt a friend who loves
u,
Sacrifice everything for your
friend.
But don't sacrifice a friend for
anything....

रिश्ते होते है मोतियों की तरह.....

रिश्ते होते है मोतियों की
तरह...... . . . .
      कोई ''गिर'' भी जाए तो
''झुक'' के उठा लेना चाहिये

प्रतिभा

****
प्रतिभा ईश्वर से मिलती है,
आभारी रहें,

ख्याति समाज से मिलती है,
आभारी रहें,

लेकिन
मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से
मिलते हैं, सावधान रहें.

मंगलवार, 25 अगस्त 2015

दरकते रिश्त

दरकते रिश्ते:
------------------

“भाभी अगर कल तक मेरी राखी की पोस्ट आप तक नहीं पँहुची तो परसों मैं आपके यहाँ आ रही हूँ ..भैया से कह देना ”
कह कर रीना ने फोन रख दिया|

अगले दिन भाभी ने सुबह ११बजे ही फोन करके कहा -
‘रीना राखी पँहुच गई हैं”

पर भाभी मैंने तो इस बार राखी पोस्ट ही नहीं की थी!!!

सुन्दर प्रार्थना

एक बहुत सुन्दर प्रार्थना है।
वे कहते हैँ कि....
.
हे भगवान् ! मेरे तीन अपराधो
को माफ़ करो।
यह जानते हुए भी कि-
1... तुम सर्वव्यापी हो, मैँ तुम्हेँ
काशी, मथुरा, अयोध्या, केदार
आदि मेँ खोजता हूँ। यह मेरा
पहला अपराध है....
.
2... तुम शब्दोँ से परे हो, मैँ
तुमको शब्दोँ से बाँधता हूँ, एक
नाम देता हूँ। यह मेरा दूसरा
अपराध है..
.
3... तुम सर्वज्ञाता हो, मैँ तुम्हेँ
अपनी इच्छाएँ बताता हूँ, उन्हेँ
पूरा करने को कहता हूँ। यह मेरा तीसरा अपराध है..
.
अपनी रहमत करके मुझे इनसे
उभरने में मदद करें ।
ईश्वर की तरफ से शिकायत:

मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे। तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!

फिर मैंने सोचा कि तुम नहा के मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!

फिर जब तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।

मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...

एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।

दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।

मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...

तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ...

तुम्हारी कुछ सुनूं...

तुम्हे कुछ सुनाऊँ।

कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।

मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।

हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।

पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।

खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!

ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम...आस्था और विश्वास ही तो है।
.
.
.
तुम्हारा  ईश्वर...

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद  करो , क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद करो , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो जब तुम तन्दुरुस्त हो , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो की तुम जिन्दा हो , क्योंकि मरे हुए लोगों से पूछो जिंदगी कीमत ।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।

किसी पर कोई दबाव नही है ।