सोमवार, 31 अगस्त 2015

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है

बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः |

श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||

अर्थात् : जो व्यक्ति धर्म ( कर्तव्य ) से विमुख होता है वह ( व्यक्ति ) बलवान् हो कर भी असमर्थ , धनवान् हो कर भी निर्धन तथा

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है |

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