बुधवार, 30 सितंबर 2015

रूह महका देते हैं….।

हँसते हुए लोगो की संगत
तो
इत्र की दुकान जैसे होती है ।

कुछ ना खरीदो,
फिर भी रूह महका देते हैं….।

रहे समीप बङेन के,


रहे समीप बङेन के, होत बङो हित मेल।
सबही जानत बढत है, वृक्ष बराबर बेल।।
भावार्थ
बङों अर्थात गुणी लोगों के साथ रहने से बङा लाभ होता है वे अपने ज्ञान एवम् सरलता से सदैव हमारा कल्याण ही करते है जिस प्रकार बेल पेङ का सहारा लेकर पेङ जितनी बङी हो जाती है उसी प्रकार सज्जन पुरूषों का साथ पाकर साधरण से मनुष्य में भी उच्चता के भाव विकसित हो जाते हैं
चिंता विघन विनाशनी, कमलाशनी सगत ।
बीस हथी हंस वाहिनी, माता देहू सुमत्त।।
अापका दिन मंगलमय हो ईश्वर की सदैव आप पर कृपा बनी रहे

लोग गिराने कि फिराक में रहते हैं।

जब चलना नहीं आता था तो लोग बार बार चलना सीखाते थे,

अब जब चलना सीख गए तो हर कदम पर लोग गिराने कि फिराक में रहते हैं।।

समन्दर नहीं सूखा करते..

बस यही सोच कर
हर मुश्किलो से लड़ता आया हूँ,

धूप कितनी भी तेज़ हो
समन्दर नहीं सूखा करते..

मरने के बाद भी जीना चाहो

अगर मरने के बाद भी जीना चाहो तो एक काम जरूर करना......
पढने लायक कुछ लिख जाना या लिखने लायक कुछ कर जाना...

कोई इतना अमीर नही,

कोई इतना अमीर नही, की अपना पुराना वक्त खरीद सके । …कोई इतना गरीब नही, की अपना आने वाला वक्त न बदल सके ।

फितरत छोटे छोटे कामो से

इंसान की फितरत छोटे छोटे कामो से पता चलती
है,

क्योंकि बड़े काम तो वो बहुत सोच समझ के करता
है...!!

यही जिंदगी है

नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि वो देती रहती है।
सागर का पानी खारा होता है क्योंकि वो हमेशा लेता रहता है।
नाले का पानी हमेशा दुर्गंध देता है क्योंकि वो रूका हुआ होता है।

यही जिंदगी है

देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे ।
लेते रहोगे तो खारे लगोगे।
और अगर रुक गये तो सबको बेकार लगोगे।.....

मंगलवार, 29 सितंबर 2015

दृष्टिकोण

रिश्ते खराब होने की एक
वजह येभी है,
कि लोग
अक्सर टूटना पसंद करते
है पर झुकना नहीं!
हमें स्कूल में त्रिकोण, चौकोण, लघुकोण, समकोण, षटकोण इत्यादी सब पढ़ाया जाता है..
...पर...
जो जीवन में हमेशा उपयोगी है वो कभी पढ़ाया नही जाता....
.. वो है..
दृष्टिकोण.

Keep ur thought positive,      


Keep ur thought positive,                 They become ur words                                  Keep ur word positive, 
They become ur action                     keep ur action positive, They become ur destiny                     
Good Morning

how far we can fly!


Until we spread our wings..We will have no idea how far we can fly!
Life is not about finding ourself.
Life is about creating ourself .
Don’t try to force your life to be perfect.
Live your life and discover the perfectness in everyday…
Good Morning ...
Have a nice day

Zindagi ke rahoon me

Zindagi ke rahoon me aise bhi mod aate hain,
jab saawan ke saath pat-jhhad bhi aate hain.
Are aansu ke saagar me moti bhi milte hain,
jo unhe dhoond lete he hain, wahi zindagi jee lete hain.

दर्द ने पाला होगा..

"जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा...,
जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा...,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, यारों...,
जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा...।"

Life is like a dice

Life is like a dice. No matter in which direction it rolls, but, it will surely take us some steps forward.

जीवन पासे के खेल के समान होता है, यह किसी भी दिशा में, कैसे भी घूमे, किन्तु हमें निश्चित ही कुछ कदम आगे ले जायेगा।

शुभ दिन हो...

और कितना वक़्त लगेगा

इस दुनिया मे कोई किसी का
हमदर्द नहीं होता,

लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।

"और कितना वक़्त लगेगा"

आदते अलग हैं हमारी

आदते अलग हैं हमारी दुनिया वालो से,
        कम दोस्त रखते हैं मगर
           लाजवाब रखते हैं
                  क्योंकी
" बेशक हमारी माला छोटी है
      पर फूल उसमे सारे
         गुलाब रखते हैं -------"

मक्खी

सत्य वचन

किसी की बुराई तलाश करने वाले
इंसान की मिसाल उस "मक्खी" सी है
जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर
केवल जख्म पर ही बैठती है....

कर्मों की आवाज

"कर्मों की आवाज़
      शब्दों से भी ऊँची होती है...!
"दूसरों को नसीहत देना
      तथा आलोचना करना
             सबसे आसान काम है।
सबसे मुश्किल काम है
        चुप रहना और
              आलोचना सुनना...!!"
"यह आवश्यक नहीं कि
       हर लड़ाई जीती ही जाए।
आवश्यक तो यह है कि
   हर हार से कुछ सीखा जाए

मौन

     परिश्रम करने से कभी
      निर्धनता नहीं रहती ।

      धर्म करने से कभी पाप
      नहीं रहता ।

     और मौन रहने से कभी
      कलह नहीं होती ।

       

न कर्मणामनारम्भान् नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते।

न कर्मणामनारम्भान्
नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते।
न च संन्यसनादेव
सिद्धिं समधिगच्छति॥३-४॥
अर्थ-   मनुष्य न तो कर्मों का आरंभ किए बिना निष्कर्मता (जिस अवस्था को प्राप्त हुए पुरुष के कर्म अकर्म हो जाते हैं अर्थात् फल उत्पन्न नहीं कर सकते, उस अवस्था का नाम 'निष्कर्मता' है।) को (या योगनिष्ठा) को प्राप्त होता है और न कर्मों के केवल त्यागमात्र से सिद्धि (या सांख्यनिष्ठा) को ही प्राप्त होता है॥4॥

अनपेक्षः शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथः।

अनपेक्षः शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथः।
सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्तः स मे प्रियः॥
भावार्थ : जो पुरुष आकांक्षा से रहित, बाहर-भीतर से शुद्ध , चतुर, पक्षपात से रहित और दुःखों से छूटा हुआ है- वह सब आरम्भों का त्यागी मेरा भक्त मुझको प्रिय है.
॥श्रीमद भगवतगीताअध्याय - १२ -श्लोक १६ ll

अरथ धरम कामादिक चारी।

अरथ धरम कामादिक चारी। कहब ग्यान बिग्यान बिचारी॥
नव रस जप तप जोग बिरागा। ते सब जलचर चारु तड़ागा॥5॥
भावार्थ:-अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष- ये चारों, ज्ञान-विज्ञान का विचार के कहना, काव्य के नौ रस, जप, तप, योग और वैराग्य के प्रसंग- ये सब इस सरोवर के सुंदर जलचर जीव हैं॥

इतनी कृपा सांवरे बनाये रखना

इतनी कृपा सांवरे बनाये रखना !
मरते दम तक सेवा में लगाये रखना !

मे तेरा तू मेरा स्वामी मे राजी तू राजी !
तेरे हाथ में लिख दी मेने इस जीवन की बाजी !
लाज तूम्हारे हाथ मे बचाये रखना !
मरते दम तक सेवा मे लगाये रखना !

जय श्री श्याम

तीन पेज की पुस्तक

ज़िंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है,
पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है,
पहला पेज जन्म और अंतिम पेज मृत्यु,
बीच के पेज को भरना है प्यार, विश्वास और मुस्कुराहट से !!

सोना बना लो।

वक़्त आपका है,
चाहे तो सोना बना लो।

और चाहे तो सोने में गुज़ार दो...!!

पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने ईरादो को,  उनके मुकद्दर के पन्नें कभी कोरे नहीं होते!!

जो हँस रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा.....
जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा.

बिना संघर्ष के इन्सांन चमक नही सकता.
जो जलेगा उसी दिए में , उजाला होगा.

" दर्द  "
सभी  इंसानो  मे है
मगर ... 
कोई  दिखाता है  तो ...
कोई  छुपाता है .....

" हमसफर "
सभी  है  मगर ...
कोई  साथ  देता है  तो ...
कोई  छोड  देता है .....

" प्यार  "
सभी  करते  है  मगर ...
कोई  दिल  से  करता  है  तो ...
कोई  दिमाग  सें  करता  है

" दोस्ती  "
सभी  करते  है  मगर ...
कुछ लोग  निभाते है ..
कुछ  लोग आजमाते है
         
" रिश्ता  "
कई लोगों  से  होता  है , मगर ...
कोई  प्यार  से  निभाता  है  तो ...
कोई  नफरत  से  निभाता  है ..

" अहसास  "
सबको  होता  है  मगर ...
कोई  मेहसूस  करता  है  तो ...
कोई  समज नही पाता .

" जिंदगी "
सभी  जीते  है , मगर ...
कोई  सबकुछ आने के  बाद  भी  दुखी  रहते है , 
तो कोई  लुटाके खुश  रहते है .

नफ़रतो के इस दौर मे..
चार लोगो से रिश्ता बना के रखना...
सुना है लाश को
शमशान तक दौलत नहीं ले जाती...

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे
सही रास्तों का ..
ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे
लोग ज्यादा है।
बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे
लोग खामोश है..!

सोमवार, 28 सितंबर 2015

'मत' भेद कभी भी 'मन' भेद नहीं बनने चाहिए ।

समर्थन और विरोध केवल
विचारों का होना चाहिये
किसी व्यक्ति का नहीं..
क्योंकि
अच्छा व्यक्ति भी गलत विचार
रख सकता है और किसी बुरे
व्यक्ति का भी कोई विचार
सही हो सकता है ।

'मत' भेद कभी भी 'मन' भेद
नहीं बनने चाहिए ।

दीपक बोलता नहीं

दीपक बोलता नहीं उसका
प्रकाश अपना परिचय देता है ।
        ठीक उसी प्रकार
आप अपने बारे में कुछ न बोले,
बढ़िया कर्म और अच्छा कार्य करे
वही आपका परिचय देगा ।।
      

"चंदन" "वंदन"

"चंदन" से "वंदन" ज्यादा शीतल होता हैे,"योगी" होने के बजाय "उपयोगी" होना ज्यादा अच्छा हैे,

"प्रभाव" अच्छा होने के बजाय  "स्वभाव" अच्छा होना ज्यादा जरूरी है। !

इंसान की समझ

इंसान की समझ बस इतनी है।
जब उसे जानवर कहा जाये तो वो नाराज़ हो जाता है।
और जब उसे शेर कहा जाये तो खुश हो जाता है।
हालाँकि शेर भी जानवर ही होता है।

रविवार, 27 सितंबर 2015

उड़ते हुए गुब्बारे

एक उड़ते हुए गुब्बारे पे क्या खूब लिखा था
" वो जो बाहर है वह नहीं,
वह जो भीतर है
वही आपको ऊपर ले जाता है !!!

शनिवार, 26 सितंबर 2015

झूठी तारीफ

मनुष्य की सबसे बड़ी विडम्बना.....

उसे झूठी तारीफ सुनकर
      बरबाद होना तो पसंद है,

सच्ची आलोचना सुनकर
      सम्भलना नहीं।        

सिक्के हमेशा आवाज करते हैं

सिक्के हमेशा आवाज करते हैं मगर नोट हमेशा खामोश रहते हैं ।
इसलिए,
जब आपकी कीमत बढ़े तो शांत रहिए ।
अपनी हैसियत का शोर मचाने का जिम्मा आपसे कम कीमत वालों के लिए है।।

शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

पसंद

किसी ने क्या खूब लिखा है :
" मैं " पसंद तो बहुत हूँ सबको,
पर......
जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!

बुधवार, 23 सितंबर 2015

‘एक बार फिर प्रयास करो’

जब दुनिया यह कह्ती है कि
‘हार मान लो’
तो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि.
‘एक बार फिर प्रयास करो’
और यह ठीक भी है.
“जिंदगी आईसक्रीम की तरह है, टेस्ट करो तो भी पिघलती है;.
वेस्ट करो तो भी पिघलती है,
इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो,
वेस्ट तो हो ही रही है.
“Life is very beautiful”.

मंगलवार, 22 सितंबर 2015

आप अकेले बोल तो सकते है

आप अकेले बोल तो सकते है,
परन्तु बातचीत नहीं कर सकते।
आप अकेले आनंदीत हो सकते है,
परन्तु उत्सव नहीं मना सकते।
अकेले आप मुस्करा तो सकते है,
परन्तु हर्षोल्हास नहीं मना सकते।
हम सब एक दुसरे के बिना कुछ नहीं है।
यही तो रिश्तों की खुबसुरती है।

सोमवार, 21 सितंबर 2015

ज़िंदगी एक तीन पेज की पुस्तक

ज़िंदगी एक तीन पेज की पुस्तक
की तरह है,
पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है,
पहला पेज जन्म और अंतिम पेज मृत्यु,
बीच के पेज को भरना है प्यार, विश्वास और मुस्कुराहट से !!

सेवा करनी है तो, घड़ी मत देखो !

बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाज़े पर लिखे थे :
"सेवा करनी है तो, घड़ी मत देखो !
प्रसाद लेना है तो, स्वाद मत देखो !
सत्संग सुनाना है तो, जगह मत देखो !
बिनती करनी है तो, स्वार्थ मत देखो !
समर्पण करना है तो, खर्चा मत देखो !
रहमत देखनी है तो, जरूरत मत देखो !!

"जीत" किसके लिए,
'हार' किसके लिए,
'ज़िंदगी भर' ये 'तकरार' किसके लिए..
जो भी 'आया' है वो 'जायेगा' एक दिन यहाँ से , फिर ये इंसान को इतना "अहंकार" किसके लिए..

रविवार, 20 सितंबर 2015

मेरे ईश्वर       किस्मत पर नाज़ है तो वजह


                 मेरे ईश्वर
      किस्मत पर नाज़ है तो वजह
                 तेरी रहमत..
       खुशियां जो पास है तो वजह
                  तेरी रहमत..
         मेरे अपने मेरे साथ है तो
            वजह तेरी रहमत...
        मैं तुझसे मोहब्बत की तलब
               कैसे न करूँ....
       चलती जो ये सांस है तो वजह
               तेरी रहमत.

    

बोल मीठे ना हों तो

                बोल मीठे ना हों तो
                    हिचकियाँ भी
                    नही आती....
               घर बड़ा हो या छोटा
                        अगर
                 मिठास ना हो तो
                  इन्सान क्या....
                 चींटियां भी नही
                     आती

             

बहुत सुन्दर सन्देश

बहुत सुन्दर सन्देश

खुश रहा करो, क्यों कि
परेशान होने से कल की
मुश्किल दूर नहीं होती।,,

बल्कि आज का सुकून भी
चला जाता है,,,!

वक्त हर वक्त को बदल देता है सिर्फ वक्त को थोडा वक्त दो....

  आपका दिन मंगलमय हो

शनिवार, 19 सितंबर 2015

मुसीबत' और 'ख़ुशी'

मुसीबत' और 'ख़ुशी' बिना किसी अपॉइंटमेंट के आ जाती है।
इसलिए अपने आप को इतना तैयार रखो कि मुसीबत के समय 'होश' और 'ख़ुशी' के समय 'जोश' कायम रहे।
जय श्री कृष्णा।

मिच्छामी -दुक्कडम

मिच्छामी -दुक्कडम
चलते चलते रुक गए हम
ना जाने क्या भूल गए हम
हसते हसते कितनो को सताया हमने.....
अनजाने में कितनो को रुलाया हमने.....
कडवे शब्दों से कितनो का दिल दुखाया होगा हमने.....
फिर हसकर गर्व जताया होगा हमने.....
दिल शायद नादान था.....
पाप से भी अनजान था.....
आज हर छोटी गलती से तौबा करना है हमें.....
ईगो छोड़ कर पर्युषण के पावन पर्व पर.....
क्षमा मांगते है हाथ जोड़कर
दिल से मिच्छामी दुक्क्डम

शुक्रवार, 18 सितंबर 2015

हर जलते दीपक तले अँधेरा होता है

हर जलते दीपक तले अँधेरा होता है,
हर रात के पीछे एक सवेरा होता है,
लोग डर जाते हैं मुसीबत को देख कर,
मगर हर मुसीबत के पीछे सच का सवेरा होता है।
 

बुधवार, 16 सितंबर 2015

सोने में जब जड़ कर हीरा,

सोने में जब जड़ कर हीरा, आभूषण बन जाता है, वह आभूषण फिर सोने का नही, हीरे का कहलाता है ।

काया इंसान की सोना है और, कर्म हीरा कहलाता है, कर्मो के निखार से ही, मूल्य सोने का बढ़ जाता है।

मंगलवार, 15 सितंबर 2015

आज की वानगी

" आज की वानगी "

     " चार चीजे इंसान को कभी खुश नहीं रख सकती... कार...मोबाइल... टीवी... और बीवी... क्योंकि अक्सर इनके लेटेस्ट मॉडल दूसरोंके पास होते है..... "
  शुभ प्रभात 

सोमवार, 14 सितंबर 2015

सिमटते जा रहे ह

सिमटते जा रहे है
दिल और जज्बात
के रिश्ते।
सोंदा करने मे जो
माहिर है बस वही
धनवान हैं।
गुड मोर्निंग

ऊँ नमः शिवाय

सभी शिव भक्तों से सविनय विनम्र निवेदन यही है...,
हमें सभी मन्त्रों का (वेदोक्त, पुराणोक्त अथवा अन्य )का सम्मान करना चाहिए,,,
मर्यादा शिव को अति प्रिय है,,,  क्योंकि प्रभु श्री राम रूप में मर्यादा की पराकाष्ठा थी,,,  (शंकर) शिव जी का संहारकर्ताकारक अवतार है, संहारकर्ता को सबसे ज्यादा शांत व मर्यादित रहने की आवश्यकता होती होगी यह बात अब समझ में थोड़ी सी आ रही है,  तभी भगवान शंकर राम नाम की माला फेरते हैं....  , विष्णु सहस्रनाम में भी भगवान शिव माता पार्वती से यही तो कह रहे हैं राम नाम वरानने....  श्री राम नाम वरानने...!!
राम राम राम राम राम राम काम राम,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे...,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ,
कर्पुर गौरं करूणावतारं
सन्सारसारं  भुजगेन्द्रहारं ,
सदा बसन्तं हृदयार्वीन्दये...,
भवं भवानी सहितं नमामि् .....!!
ऊँ पार्वतिश्वराय महादेवाय,
महाकाल कालभैरवाय...!
रामेश्वर नीलकंठाय,
काशीविश्वनाथ शिवाय....!!
अर्द्धनारीश्वर हराय,
त्र्यम्बकेश्वर भवाय....!!!
नन्दीश्वर भीमाशंकराय,
केदारेश्वर वैद्यनाथाय....!!!!
आशुतोष सोमनाथाय,
पशुपतिनाथ नागनाथाय....!!!!!
ओंकारेश्वर त्रिनेत्र गंगाधराय,
नाथनाथाय सदाशिवाय
नमो नमः नमो नमः ..... !!!!!!
""जय-जय महादेव महादेव महादेव,,
हर-हर महादेव महादेव महादेव"".... म
विशेष :- हर दिन की शुरुआतइस मन्त्र से करें... ...
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव"" ==सुबह उठते ही कहें.. ...
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव ""
==फिर सोने से पहले भी यही कहें...  ..
""जय-जय महादेव महादेव महादेव, हर-हर महादेव महादेव महादेव""
भगवान शिव आपकी सारी कठिनाईयां दूर कर देंगे....,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय,
ऊँ नमः शिवाय .... ""जय-जय महादेव महादेव महादेव , हर-हर महादेव महादेव महादेव"" म

'समय' न लगाओ तय करने में

'समय' न लगाओ तय करने में, आप को करना क्या है.
वरना 'समय' तय कर लेगा कि, आपका क्या करना है.. .
पैसा  एक  ही  भाषा  बोलता  है,
अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..
"कल"  मै तुम्हे  बचा  लूंगा

"पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाऊंगा पर
जब तक मै नीचे हूँ
तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा.."

Truth of life

"मौन" और "मुस्कान"

नारद जी ने श्रीकृष्ण से पूछा प्रभु "मौन" और "मुस्कान" में क्या अंतर है ?
तो श्रीकृष्ण जी ने बहुत सुन्दर जबाब दिया--"मौन" और "मुस्कान" दो शक्तिशाली हथियार होते है.
"मुस्कान" से कई समस्याओ को हल किया जा सकता है और "मौन" रहकर कई समस्याओ को दूर रखा जा सकता है....।।।।
सुप्रभातम
आपका दिन मंगलमय  रहे
--------------------

उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,

"उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
"अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे
             दुनिया पड़ी है
           
मुस्कुराना हर किसी के बस का नहीं है....
मुस्करा वो ही सकता जो दिल का अमीर हो....

रविवार, 13 सितंबर 2015

अपमान करना


अपमान करना किसी के स्वभाव में
हो सकता है,.....,
पर सन्मान करना हमारे संस्कार में
होना चाहिए…...!!"
"जब तक सच घर से बाहर निकलता है..!
तब तक झूठ आधी दुनिया घूम लेता है...!

शनिवार, 12 सितंबर 2015

आत्मज

बच्चे का जन्म मां के गर्भ से होता है लेकिन.. पिता की  आत्मा से होता है। इसीलिए बेटे को "आत्मज " कहा जाता है।
     
माँ बच्चे की भूख पहचान लेती है और भोजन की थाली तुरंत ले आती है। पिता भविष्य में बच्चे को हमेशा भरी थाली मिलती रहे
इसका इंतजाम करता है।
        
माँ की पुचकार बड़ी से बड़ी गलतियों को सुधारने की ताकत रखती है। पिता की डांट छोटी से छोटी गलती करने से रोक देती है।
       

माँ का आंचल बच्चे को गर्मी सर्दी से बचाता है, तो ... "पिता वह बुलंद दरवाजा है जो दुनिया के हर वार को झेल लेता है लेकिन बच्चे तक एक खरोंच भी नहीं आने देता।"
     
   

शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

"उम्र"  और  "जिन्दगी" 

किसी ने  पूछा कि
"उम्र"  और  "जिन्दगी" 
में क्या फर्क  है ?

    बहुत  सुन्दर  जवाब…
    
जो  सतगुरु के बिना  बीती
     वो "उम्र" और
जो सतगुरु के साथ बीती
    वो "जिन्दगी"....

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो
तो भी एक अच्छा जूता पहनकर
उस पर चला जा सकता है..

लेकिन यदि एक अच्छे जूते
के अंदर एक भी कंकड़ हो तो
एक अच्छी सड़क पर भी
कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।

यानी -
"बाहर की चुनोतियों से नहीं
हम अपनी अंदर की कमजोरियों
से हारते हैं "

Sunder Pichai

Sunder Pichai is an alumnus of IIT kharagpur and now he has put India on the world map, after being promoted as CEO of the largest IT company in the world -Google.

He will now be dining with kings and presidents and as CEO will get a chance to change the world. He is probably the most influential and powerful Indian on the planet.

When his parents were interviewed and asked, how they feel at his elevation;
his mother replied wistfully,

"थोड़ी और मेहनत की होती, तो आज सरकारी नौकरी में होता

अंधे को मंदिर आया देख

अंधे को मंदिर आया देख
लोग हँसकर बोले -
"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
पर क्या भगवान को देख पाओगे?"
अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है,
मेरा भगवान तो  मुझे देख लेगा.

मंदिर में भीड़

चिंतनीय प्रसंग

आज मंदिर में बहुत भीड़ थी,
एक लड़का दर्शन के लिए लगी लम्बी लाइन को कुतुहल से देखरहा था।
तभी पास में एक पंडित जी आ गए और बोले-"आज बहुत लम्बी कतार है, यूँ दर्शन न हो पाएंगे,
विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था है, रु ५०१ दो में सीधे दर्शन करवा दूँगा !
"लड़का बोला-" रु ५००१ दूंगा, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें, कहना- मैं आया हूँ !
"पंडितजी बोले-" मजाक करते हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ? तुम हो कौन ?"
लड़का फिर बोला-" रु ५१००० दूंगा, उनसे कहो मुझ से मेरे घर पर आकर मिल ले !
"पंडितजी (सकपका गए और) बोले-"तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है?

"लड़का बोला-" वही तो मैं बताना चाहता हूँ कि आपने भगवान को क्या समझ रखा है?????

सही लगे तो शेयर करें

रिश्ते होते है मोतियों की तरह....

रिश्ते होते है मोतियों की
तरह....
कोई ''गिर'' भी जाए तो
''झुक'' के उठा लेना चाहिय

संबंधो को निभाने के लिए समय निकालिये

“संबंधो को निभाने के लिए समय निकालियें वरना,,

        जब आपके पास समय होगा,, तब तक शायद संबंध ही ना बचें”..!!☝

बुधवार, 9 सितंबर 2015

अस्त-व्यस्त

जो हमेशा कहे ..
मेरे पास समय नहीं...
असल में वह 'व्यस्त' नहीं,
बल्कि 'अस्त-व्यस्त' है..

।।स्वामी विवेकानंद।।

मंगलवार, 8 सितंबर 2015

पर आगे बढ़ते रहो !

मार्टिन लूथर ने कहा था...
"अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !
अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !
अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !
पर आगे बढ़ते रहो !"
अपनी सोच ओर दिशा बदलो
सफलता आपका स्वागत करेंगी.......

        

अच्छा काम करते रहो

अच्छा काम करते रहो कोई
सम्मान करे या ना करे।
सूर्य उदय तब भी होता है
जब करोड़ो लोग सोये हुए होते है।।

Enjoy by giving

एक बार पचास लोगों का ग्रुप किसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था।
सेमीनार शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक
ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ” आप
सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने
ऐसा ही किया।

अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।
स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर
अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।

सारे पार्टिसिपेंट्स
तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने
लगे।

पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…

  5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर
बुला लिया गया।

स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप
सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”

नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर
हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक
पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।

“कोई बात नहीं , आप लोग एक
बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे
अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति का नाम पुकारे जिसका नाम उसपर
लिखा हुआ है। “, स्पीकर ने निर्दश दिया।

एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे
में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे
को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।

स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,

☝☝” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।
हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई
मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस
पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद
भी उसे कुछ नहीं मिलता ,

दोस्तों हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में
छिपी हुई है।

जब तुम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जाओगे
तो अपने आप ही तुम्हे तुम्हारी खुशियां मिल जाएँगी।

✌  

और यही मानव-
जीवन का उद्देश्य है ।

प्रथमं जिनेन्द्रनम्

यः संस्तुतः सकल-वाड्मय-तत्व-बोधा- दुद् भूत-बुद्धि-पटुभिः सुर-लोक-नाथेः | स्तोत्रैर्जगत् त्रितय-चित-हरैरुदारेः स्तोष्ये किलाहमपि

तं प्रथमं जिनेन्द्रनम् ||

अर्थ :सम्पूर्णश्रुतज्ञान से उत्पन्न हुई बुद्धि की कुशलता से इन्द्रों के द्वारा तीन लोक के मन को हरने वाले, गंभीर स्तोत्रों के द्वारा
जिनकी स्तुति की गई है उन आदिनाथ जिनेन्द्र की निश्चय ही मैं (मानतुंग) भी स्तुति करुँगा|

रविवार, 6 सितंबर 2015

Every woman  is a queen.

An English Man: Why do your Indian ladies not  shake hands? There's no harm..
Swami Vivekanand: Can an ordinary citizen in your country shake hands with  your Queen?
EnglishMan: "NO".
Vivekanand: In our country each and every woman  is a queen.

शनिवार, 5 सितंबर 2015

तुलसी वृक्ष ना जानिये

"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।
   अर्थात-
तुलसी को कभी पेड़ ना समझें
गाय को पशु समझने की गलती ना करें और
गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें,
क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं"।

जय श्री कृष्णा
  Զเधे Զเधे

शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

अर्जुन उवाच

( अर्जुन उवाच )

चंचलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद्दृढम् |

तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ||

अर्थात् : ( अर्जुन ने श्री हरि से पूछा ) हे कृष्ण ! यह मन चंचल और प्रमथन स्वभाव का तथा बलवान् और दृढ़ है ; उसका निग्रह

( वश में करना ) मैं वायु के समान अति दुष्कर मानता हूँ |