शनिवार, 19 सितंबर 2015

मुसीबत' और 'ख़ुशी'

मुसीबत' और 'ख़ुशी' बिना किसी अपॉइंटमेंट के आ जाती है।
इसलिए अपने आप को इतना तैयार रखो कि मुसीबत के समय 'होश' और 'ख़ुशी' के समय 'जोश' कायम रहे।
जय श्री कृष्णा।

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