बुधवार, 30 सितंबर 2015

रहे समीप बङेन के,


रहे समीप बङेन के, होत बङो हित मेल।
सबही जानत बढत है, वृक्ष बराबर बेल।।
भावार्थ
बङों अर्थात गुणी लोगों के साथ रहने से बङा लाभ होता है वे अपने ज्ञान एवम् सरलता से सदैव हमारा कल्याण ही करते है जिस प्रकार बेल पेङ का सहारा लेकर पेङ जितनी बङी हो जाती है उसी प्रकार सज्जन पुरूषों का साथ पाकर साधरण से मनुष्य में भी उच्चता के भाव विकसित हो जाते हैं
चिंता विघन विनाशनी, कमलाशनी सगत ।
बीस हथी हंस वाहिनी, माता देहू सुमत्त।।
अापका दिन मंगलमय हो ईश्वर की सदैव आप पर कृपा बनी रहे

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