शुभ वचन
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मंगलवार, 12 अगस्त 2025
KAJJALI - KAJARI - SATUDI TEEJ : कज्जली (कजरी,सातुड़ी) तृतीया (तीज)
शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016
सच्चे का कोई ग्राहक नाही, झूठा जगत में ...
सच्चे का कोई ग्राहक नाही, झूठा जगत में ....
पगड़ी का मोल
एक बार कबीर जी ने बड़ी कुशलता से पगड़ी बनाई। झीना- झीना कपडा बुना और उसे गोलाई में लपेट कर पगड़ी तैयार की। पगड़ी को हर कोई बड़ी शान से अपने सिर सजाता हैं। यह नई नवेली पगड़ी लेकर कबीर जी दुनिया की हाट में जा बैठे। ऊँची- ऊँची पुकार उठाई- 'शानदार पगड़ी! जानदार पगड़ी! दो टके की भाई! दो टके की भाई!'
एक खरीददार निकट आया। उसने घुमा- घुमाकर पगड़ी का निरीक्षण किया। फिर कबीर जी से प्रश्न किया- 'क्यों महाशय एक टके में दोगे क्या?' कबीर जी ने अस्वीकार कर दिया- 'न भाई! दो टके की है। दो टके में ही सौदा होना चाहिए।' खरीददार भी नट गया। पगड़ी छोड़कर आगे बढ़ गया। यही प्रतिक्रिया हर खरीददार की रही।
सुबह से शाम हो गई। कबीर जी अपनी पगड़ी बगल में दबाकर खाली जेब वापिस लौट आए। थके- माँदे कदमों से घर में प्रवेश करने ही वाले थे कि तभी... एक पड़ोसी से भेंट हो गई। उसकी दृष्टि पगड़ी पर पड गई। 'क्या हुआ संत जी, इसकी बिक्री नहीं हुई ? पड़ोसी ने जिज्ञासा की। कबीर जी ने दिन भर का क्रम कह सुनाया। पड़ोसी ने कबीर जी से पगड़ी ले ली- 'आप इसे बेचने की सेवा मुझे दे दीजिए। मैं कल प्रातः ही बाजार चला जाऊँगा।
अगली सुबह कबीर जी के पड़ोसी ने ऊँची- ऊँची बोली लगाई- 'शानदार पगड़ी! जानदार पगड़ी! आठ टके की भाई! आठ टके की भाई! पहला खरीददार निकट आया, बोला बड़ी महंगी पगड़ी हैं दिखाना जरा!
पडोसी- पगड़ी भी तो शानदार है। ऐसी और कही नहीं मिलेगी।
खरीददार- ठीक दाम लगा लो, भईया।
पड़ोसी- चलो, आपके लिए- छह टका लगा देते हैं!
खरीददार - ये लो पाँच टका। पगड़ी दे दो। एक घंटे के भीतर- भीतर पड़ोसी वापस लौट आया। कबीर जी के चरणों में पाँच टके अर्पित किए। पैसे देखकर कबीर जी के मुख से अनायास ही निकल पड़ा
सत्य गया पाताल में झूठ रहा जग छाए।
दो टके की पगड़ी पाँच टके में जाए।।
यही इस जगत का व्यावहारिक सत्य है। सत्य के पारखी इस जगत में बहुत कम होते हैं। संसार में अक्सर सत्य का सही मूल्य नहीं मिलता, लेकिन असत्य बहुत ज्यादा कीमत पर बिकता हैं। इसलिए कबीर साहिब ने कहा-
सच्चे का कोई ग्राहक नाही, झूठा जगत में
बुधवार, 14 सितंबर 2016
कर्म
कर्म
अभाग्य से हमारा धन,
नीचता से हमारा यश,
मुसीबत से हमारा जोश ,
रोग से हमारा स्वास्थ्य,
मृत्यु से हमारे मित्र हमसे छीने जा सकते है किन्तु
हमारे कर्म मृत्यु के बाद भी हमारा पीछा करेंगे.....
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रविवार, 11 सितंबर 2016
संबंध
संबंध
रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए
जैसे हाथ और आँख का होता है।
हाथ पर चोट लगती है, तो आँखों से
आँसू निकलते हैं,और आँखों से आँसू
आने पर हाथ ही उनको साफ करता है।
अहिंसा मयी विश्व धर्म की जय हो
शुभ प्रभात् वन्दन
सर्वे भवन्तु सुखिनः
गुरुवार, 8 सितंबर 2016
शब्द
शब्द
चाकू,
खंजर,
तीर और तलवार लड़ रहे थे कि .. ..
कौन ज्यादा गहरा घाव देता है !!!
शब्द पीछे बैठे, मुस्कुरा रहा था...
मंगलवार, 6 सितंबर 2016
लफ़्ज़
"लफ़्ज़" "आईने" हैं
मत इन्हें "उछाल" के चलो,
"अदब" की "राह" मिली है तो
"देखभाल" के चलो
मिली है "ज़िन्दगी" तुम्हे
इसी ही "मकसद" से,
"सँभालो" "खुद" को भी और
"औरों" को भी "सँभाल" के चलो
लफ़्ज़
"लफ़्ज़" "आईने" हैं
मत इन्हें "उछाल" के चलो,
"अदब" की "राह" मिली है तो
"देखभाल" के चलो
मिली है "ज़िन्दगी" तुम्हे
इसी ही "मकसद" से,
"सँभालो" "खुद" को भी और
"औरों" को भी "सँभाल" के चलो
शनिवार, 3 सितंबर 2016
अच्छे इंसान
किसी अच्छे इंसान से हद से ज़्यादा बुरा सुलूक मत कीजिये,
क्यूँकि सुंदर काँच टूटता है तो धारदार हथियार बनता है.
रविवार, 3 जुलाई 2016
सूक्ति
*सूक्ति*
*किसी का दिल दुखाने वाली बात न कहें , वक्त बीत जाता है, बातें याद रहती हैं ।*
*लंबी जबान और लंबा धागा हमेशा उलझ जाता हैं ।*
*बुरे विचार उस हृदय में प्रवेश नहीं कर सकते जिसके द्वार पर ईश्वरीय- विचार के पहरेदार खड़े हों ।*
*दुनियां आपके ' उदाहरण ' से बदलेगी आपकी ' राय ' से नहीं।*
*इंसान की सबसे बड़ी सम्पत्ति उसका मनोबल है ।*
*सफलता का चिराग परिश्रम से जलता है ।*
*ऐसा जीवन जियो कि अगर कोई आपकी बुराई भी करे तो लोग उस पर विश्वास न करें ।*
*कमजोर तब रूकते हैं जब वे थक जाते हैं और विजेता तब रूकते हैं जब वे जीत जाते हैं ।*
*अहंकार से जिस व्यक्ति का मन मैला है, करोड़ो की भीड़ में भी वो सदा अकेले रहते है ।*
*हमारी समस्या का समाधान किसी के पास नहीं है, सिवाय हमारे ।*
*काम में ईश्वर का साथ मांगो लेकिन ईश्वर ये काम कर दे, ऐसा मत मांगो ।*
*जिस हाथ से अच्छा कार्य हो , वह हाथ तीर्थ है ।*
*अच्छा दिल संबंधों को जीत सकता है पर अच्छा स्वभाव उसे आजीवन निभा सकता है ।*
*अगर मैं सुखी होना चाहता हूं तो कोई मुझे दुखी नहीं कर सकता ।*
*गलतियां क्षमा की जा सकती हैं अगर आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो ।*
*ईमानदारी बरगद के पेड़ के समान है जो देर से बढ़ती है किन्तु चिरस्थायी रहती है ।*
*यदि कोई व्यक्ति आपको गुस्सा दिलाने में सफल होता हैं तो यकीनन आप उसकी हाथ की कठपुतली हैं ।*
*जिसके पास उम्मीद हैं वह लाख बार हार के भी नहीं हारता ।*
*कुछ देने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए, हैसियत नहीं ।*
*घर बड़ा हो या छोटा , अगर मिठास न हो तो इंसान तो क्या , चीटिंयां भी नहीं आती ।*
*इस जन्म का पैसा अगले जन्म में काम नहीं आता लेकिन पुण्य जन्मों -जन्म तक काम आता है ।*
*जो ' प्राप्त ' हैं वो ही ' पर्याप्त ' हैं इन दो शब्दों में सुख बे हिसाब हैं ।*
*वह अच्छाई* *जो बुरा करने वाले को* *मदद करें , अच्छाई नहीं होती हैं।*
* हमेशा खुश रहे *
गुरुवार, 30 जून 2016
कड़वा सच
◆ कड़वा सच ◆
गाँव में नीम के पेड़ कम हो रहे हैं,..
घरों में कड़वाहट बढती जा रही है,...
जुबान में मिठास कम हो रही है,..
और शरीर में शुगर बढती जा रही है,..
बुधवार, 29 जून 2016
झाँक रहे है इधर उधर सब।
“झाँक रहे है इधर उधर सब।
अपने अंदर झांकें कौन।
ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां।
अपने मन में ताके कौन।
सबके भीतर दर्द छुपा है।
उसको अब ललकारे कौन।
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।
खुद को आज सुधारे कौन।
पर उपदेश कुशल बहुतेरे।
खुद पर आज विचारे कौन।
हम सुधरें तो जग सुधरेगा।
यह सीधी बात उतारे कौन ?”
मान—सम्मान, पद—प्रतिष्ठा,
मान—सम्मान, पद—प्रतिष्ठा, सब धोखे हैं, आत्मवंचनाएं हैं। कितना ही छिपाओ अपने भावों को—अपने घावों के ऊपर गुलाब के फूल रखो दो; इससे घाव मिटते नहीं। भूल भला जाए क्षण—भर को, भरते नहीं। दूसरों को भला धोखा हो जाए, खुद को कैसे धोखा दोगे? तुम तो जाने ही हो, जानते ही हो, जानते ही रहोगे कि भीतर घाव है, ऊपर गुलाब का फूल रखकर छिपाया है। सारे जगत को भी धोखा देना संभव है, लेकिन स्वयं को धोखा देना संभव नहीं है।
जिस दिन यह स्थिति प्रगाढ़ होकर प्रकट होती है, उस दिन भक्त का जन्म होता है
शुक्रवार, 24 जून 2016
एकांत
'अकेलापन' इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है.!
और 'एकांत'
इस संसार में सबसे बड़ा वरदान.!!
ये दो समानार्थी दिखने वाले
शब्दों के अर्थ में
. आकाश पाताल का अंतर है।
अकेलेपन में छटपटाहट है
तो एकांत में आराम है।
अकेलेपन में घबराहट है
तो एकांत में शांति।
जब तक हमारी नज़र
बाहरकी ओर है तब तक हम.
अकेलापन महसूस करते हैं
और
जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी
तो एकांत अनुभव होने लगता है।
ये जीवन और कुछ नहीं
वस्तुतः
अकेलेपन से एकांत की ओर
एक यात्रा ही है.!!
ऐसी यात्रा जिसमें
रास्ता भी हम हैं, राही भी हम हैं
और मंज़िल भी हम ही हैं.!!
�प्रसन्न रहिए,अपना ख्याल रखिए�
कुंडली में शनि
. *शानदार बात*
*कुंडली में "शनि*"
*दिमाग में "मनी" और*
*जीवन में "दुश्मनी*"
*तीनो हानिकारक होते हे*.
*बदला लेने में क्या मजा है*
*मजा तो तब है जब तुम*
*सामने वाले को बदल डालो*..||
*इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले*,
*और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले*...
' *कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की*...
*महेंगे 'कपडे' तो*,
' *पुतले*' *भी पहनते है दुकानों में*...
... ....
बुधवार, 22 जून 2016
आदमी की औकात ।
।। आदमी की औकात ।।
एक माचिस की तिल्ली, एक घी का लोटा,
लकड़ियों के ढेर पे, कुछ घण्टे में राख.
बस इतनी-सी है, आदमी की औकात !!!!
एक बूढ़ा बाप, शाम को मर गया,
अपनी सारी ज़िन्दगी, परिवार के नाम कर गया,
कहीं रोने की सुगबुगाहट, तो कहीं फुसफुसाहट,
.अरे जल्दी ले जाओ, कौन रोयेगा सारी रात.
बस इतनी-सी है, आदमी की औकात!!!!
मरने के बाद नीचे देखा, नज़ारे नज़र आ रहे थे,
मेरी मौत पे .....
कुछ लोग ज़बरदस्त, तो कुछ ज़बरदस्ती रो रहे थे।
नहीं रहा, चला गया, चार दिन करेंगे बात.
बस इतनी-सी है, आदमी की औकात!!!!!
बेटा अच्छी तस्वीर बनवायेगा, सामने अगरबत्ती जलायेगा,
खुश्बुदार फूलों की माला होगी, अख़बार में अश्रुपूरित श्रद्धांजलि होगी,
बाद में उस तस्वीर पे, जाले भी कौन करेगा साफ़.?
बस इतनी-सी है, आदमी की औकात !!!!!!
जिन्दगी भर, मेरा-मेरा-मेरा किया,
अपने लिए कम, अपनों के लिए ज्यादा जिया,
कोई न देगा साथ...जायेगा खाली हाथ....
क्या तिनका ले जाने की भी है हमारी औकात ???
हम चिंतन करें .........
क्या है हमारी औकात ????
बुधवार, 15 जून 2016
हँसी
वो व्यक्ति जो दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है.................
ईश्वर उसके चेहरे से हँसी और जीवन में ख़ुशी कभी कम नही होने देता ।
मंगलवार, 14 जून 2016
Wisdom
The richest wealth is Wisdom.
The strongest weapon is Patience.
The best security is Faith.
The greatest tonic is Laughter.
and surprisingly all are free...
मंगलवार, 7 जून 2016
सुमंगलप्रभात
ए “ *मंगलसुबह* ” तुम जब भी आना,
सब के लिए बस " *मंगलखुशियाँ*" लाना.
हर चेहरे पर “हंसी ” सजाना,
हर आँगन मैं “फूल ” खिलाना.
जो “रोये ” हैं इन्हें हँसाना.
जो “रूठे ” हैं इन्हें मनाना,
जो “बिछड़े” हैं तुम इन्हें मिलाना.
प्यारी *“मंगलसुबह”* तुम जब भी आना,
सब के लिए बस *“मंगलखुशिया ”*ही लाना.
*सुमंगलप्रभात*
सोमवार, 23 मई 2016
सम्मान
‘श्रद्धा’ ज्ञान देती हैं,
‘नम्रता’ मान देती हैं,
और
‘योग्यता’ स्थान देती है !
पर तीनो मिल जाए तो..
व्यक्ति को हर जगह ‘सम्मान’ देती हैं....✍
BHAGWAD GITA IN ONE Sentence per chapter
BHAGWAD GITA IN ONE Sentence per chapter
Chapter 1 :
Wrong thinking is the only problem in life
Chapter 2 :
Right knowledge is the ultimate solution to all our problems
Chapter 3 :
Selflessness is the only way to progress and prosperity
Chapter 4 :
Every act can be an act of prayer
Chapter 5 :
Renounce the ego of individuality and Rejoice in the Bliss of Infinity
Chapter 6 :
Connect to the Higher ConsciousNess Daily
Chapter 7 :
Live what you learn
Chapter 8 :
Never give up on yourself
Chapter 9 :
Value your blessings
Chapter 10 :
See divinity all around
Chapter 11 :
Have enough surrender to see the Truth as it is
Chapter 12 :
Absorb your mind in the Higher
Chapter 13 :
Detach from Maya and Attach to Divine
Chapter 14 :
Live a lifestyle that matches your vision
Chapter 15 :
Give priority to Divinity
Chapter 16 :
Being good is a reward in itself
Chapter 17 :
Choosing the right over the pleasant is a sign of power
Chapter 18 :
Let Go, Lets move to Union with God!
बुधवार, 18 मई 2016
समंदर
किनारे पर बैठे के समंदर को दोष देते है,
डूब जाते हैं तो मुकदर को दोष देते है.
सम्भल कर खुद नही चलते...
गिर जाते हैं तो पत्थर को दोष देते है..
गुरुवार, 12 मई 2016
Hurting someone
Thought of the day:
Hurting someone is as easy as like Plucking a Leaf from Tree, But Making someone HAPPY is like Growing a Tree. It takes lot of Time, Care & Patience!
Good Day Ahead
बुधवार, 11 मई 2016
क्या खोया और क्या पाया
जिंदगी में यदि कोई आपसे ये पूछे "क्या खोया और क्या पाया "है???...
तो पुरे विश्वास के साथ कहना कि
जो गाजर के हलुवे में डालते है वो खोया है
और
जो खटिया मे नीचे चार डंडे खडे है वो पाया है
हमेशा भावुक होने की जरूरत नहीं
सोमवार, 9 मई 2016
शिष्टाचार
शिष्टाचार कहता है कि किसी स्त्री
से उसकी उम्र और किसी पुरुष से
उसकी आय नहीं
पूछनी चाहिए ...
शायद इसके पीछे एक खूबसूरत अंतर्दृष्टि छुपी है कि....
कोई स्त्री कभी स्वंय के लिए नहीं जीती
और
कोई पुरुष
कभी स्वंय के लिए नहीं कमाता ।।।
गुरुवार, 5 मई 2016
अन्तरआत्मा
जिंदगी मे हम कितने सही
और कितने गलत है
ये सिर्फ दो ही शक्स
जानते है
ईश्वर और अपनी
अन्तरआत्मा
और
हैरानी की बात है
कि दोनो ही नजर नहीं आते
....सुप्रभात
बुधवार, 4 मई 2016
क्या खुब लिखा है...
क्या खुब लिखा है...
पायल हज़ारो रूपये में आती है पर पैरो में पहनी जाती है... और... बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है... इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं...
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते... और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते...
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है... मिठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है... इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े... और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है...
अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है... इसीलिये दारू बेचने वाला कही नही जाता... पर दूध बेचने वाले को घर, गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है... और दूघ वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला... पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला पीते है...
वाह रे दुनियाँ और दुनियाँ की रीत...
कड़वी गोली
"हम कड़वी गोली को
जल्दी से गटक जाते हैं..!
परंतु मीठी चॉकलेट को
खूब चबा कर खाते हैं।"
इसी तरह जीवन में..
बुरे समय को जल्दी भूलें।
और अच्छे समय का
खूब आनंद उठायें.!!"
रविवार, 1 मई 2016
झूठे दोस्त
‘मीठा झूठ’ बोलने से अच्छा है...‘कड़वा सच’ बोला जाए...
इससे आपको ‘सच्चे दुश्मन’ जरूर मिलेंगे...लेकिन ‘झूठे दोस्त’ नहीं...
तुझे कैसे रिझाऊं मैं
""..एक व्यक्ति ने भगवन से पुछा,,
"""...तुझे कैसे रिझाऊं मैं,,
""...कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं...!!
""भगवान ने उत्तर दिया""
""...संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है।।
""...तेरे पास अपनी चीज सिर्फ तेरा "अहंकार" है,,
"""...जो मैनें नहीं दिया..""
""..उसी को तूं मेरे "अर्पण" कर दे,,,
""तेरा जीवन सफल हो जाएगा"" सुप्रभात्
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया जो इस वर्ष 9May को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी
- आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
ॐ नमः पार्वतीय पतये हर हर महादेव
जय श्री महाकाल
गुरुवार, 28 अप्रैल 2016
"जीवन" में "तकलीफ़"
"जीवन" में "तकलीफ़" उसी को आती है, जो हमेशा "जवाबदारी" उठाने को तैयार रहते है,
और ...
जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नही,
या तो "जीतते" है, या फिर "सिखते" है...!!
जय श्री कृष्णा
AFFIRMATION FOR TODAY
If you really want to do something, you'll find a way; if you don't, you'll find an excuse.
Your action for today is to take something you have been making excuses for not doing, and either do it or stop saying you want to do
it!
✫*¨`*✶♪.¸¸.✻✿
AFFIRMATION FOR TODAY
" Everything that I start is a huge success. I excel in everything that I do."
Good Morning! Have an Extraordinary day!
मंगलवार, 26 अप्रैल 2016
शब्द मुफ्त में मिलते है....
शब्द मुफ्त में मिलते है....
लेकिन
उनके चयन पर निर्भर करता है... कि
उसकी कीमत मिलेगी
या
चुकानी पड़ेगी....
जन्म से
जन्म से ना तो कोई "दोस्त"
पैदा होता है और ना ही "दुश्मन"
वह तो हमारे घमंड,ताकत या व्यवहार से
कोई एक बन जाता है.
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016
"बुराई " करना रोमिंग की तराह है.
* "बुराई " करना रोमिंग की तराह है.
-
* करो तो भी चार्ज लगता है और सुनो तो भी चार्ज लगता है.
-
* और...
- * "नेकी" करना LIC की तराह है.
-
* जिंदगी के साथ भी.
* जिंदगी के बाद भी.
गुरुवार, 21 अप्रैल 2016
शांति
दिन की शुरूआत में हमें लगता है जिंदगी में पैसा बहुत ज़रूरी है,
पर दिन ढलने पर समझ आता है, जिंदगी में शांति अधिक ज़रूरी है।
वक्त
हमेशा..
बदलते तो इंसान है ,
"वक्त" का नाम तो बस ..
एक बहाना है...!!
मंगलवार, 19 अप्रैल 2016
लोहा नरम होकर
लोहा नरम होकर औजार बन जाता है,
सोना नरम होकर जेवर बन जाता है !
मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है,
आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !
सदैव बेहतर की उम्मीद करे ।
रविवार, 17 अप्रैल 2016
नींबू के रस
अच्छी बात सच्ची बात
"जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है,
उसी प्रकार मनुष्य का अहंकार भी अच्छे से अच्छे संबंधों को बर्बाद कर देता है।"
शनिवार, 16 अप्रैल 2016
रिश्ते में.. खटास
पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया..
जब दूध ने पानी का समर्पण देखा तो उसने कहा-
मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे स्वरुप को धारण किया है....
अब मैं भी मित्रता निभाऊंगा और तुम्हे अपने मोल बिकवाऊंगा।
दूध बिकने के बाद
जब उसे उबाला जाता है तब पानी कहता है..
अब मेरी बारी है मै मित्रता निभाऊंगा
और तुमसे पहले मै चला जाऊँगा..
दूध से पहले पानी उड़ता जाता है
जब दूध मित्र को अलग होते देखता है
तो उफन कर गिरता है और आग को बुझाने लगता है,
जब पानी की बूंदे उस पर छींट कर उसे अपने मित्र से मिलाया जाता है तब वह फिर शांत हो जाता है।
पर
इस अगाध प्रेम में..
थोड़ी सी खटास-
(निम्बू की दो चार बूँद)
डाल दी जाए तो
दूध और पानी अलग हो जाते हैं..
थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती है।
रिश्ते में..
खटास मत आने दो॥
"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,
खाना तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।
I
फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए।
सोमवार, 21 मार्च 2016
तेरा मेरा
तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,
जो भी कमाया यही रह जाना है !
करलो कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही आपके जाना है !
रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,
लेकिन मुस्कुराने से...
पराये भी अपने हो जाते हैं !
मुझे वो रिश्ते पसंद है,
जिनमें "अहम" नही " मैं " नहीं केवल "हम " हो !!
साधना
व्यक्ति 'साधनों' से नहीं 'साधना' से श्रेष्ठ बनता है,
व्यक्ति 'भवनों' से नहीं 'भावना' से श्रेष्ठ बनता है,
व्यक्ति 'उच्चारण' से नहीं 'उच्चआचरण' से श्रेष्ठ बनता है।
www.omvachan.blogspot.in
गुरुवार, 10 मार्च 2016
अहंकार
•२००० square फीट के घर में
सिर्फ २०० फीट में हम रहते है । ....और
•बाकि के १८०० फीट में
हमारा अहंकार रहता है ॥
"वक्त" और "दौलत" के बीच का
सबसे बड़ा अंतर....
•आपको हर "वक्त" पता होता है कि
आपके पास कितनी "दौलत" है । ....लेकिन
•आप यह बिल्कुल भी नही जानते कि
आपके पास कितना ''वक्त"है ॥
•पायल हज़ारो रूपये में आती है,
पर पैरो में पहनी जाती है । ....और
•बिंदी 2 रूपये में आती है,
मगर माथे पर सजाई जाती है ॥
•इसलिए कींमत मायने नहीं रखती,
उसका मान मायने रखता हैं ॥
•एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते ।
•और जो उनके लिए लड़ते हैं वो
कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते ॥
•नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मीठी बात करने वाले तो चापलूस भी होते है ।
•इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े । ....और
•मिठाई में अक़्सर कीड़े पड जाया करते है ॥
•विज्ञान कहता है:
“जीभ पर लगी चोट
सबसे जल्दी ठीक होती है ।" ....और
•ज्ञान कहता है:
“जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती … !!!
Always Be Passionate.!"
"Your Competitors can Copy Your Work, Your Style Or
Your Procedure.
But..
None can Copy your Passion.
If you hold it Firmly,
The world is Yours.!
Always Be Passionate.!"
भाग्य
भाग्य से जितना अधिक उम्मीद करेंगे वह उतना ही निराश करेगा।
कर्म में विश्वास रखें, आपको अपनी अपेक्षाओं से सदैव अधिक मिलेगा।
रविवार, 6 मार्च 2016
ऊँ नम:शिवाय
शिव अनादि है,शिव भगवंत है.....
शिव ओमकार है,शिव ब्रम्ह है.....
शिव शक्ति है,शिव भक्ति है.....
आज भगवान शिव का नमन करे., अभिषेक करें....
उनका आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहे....
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं-बधाईयाँ।।
जय भोलेनाथ ..
जय जय शिव शंकर.
ऊँ नम:शिवाय
शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016
तुम्हारा ईश्वर...
प्रभू का पत्र
मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे। तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!
फिर मैंने सोचा कि तुम नहा के मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!
फिर जब तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।
मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...
एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।
दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।
मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...
तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ...
तुम्हारी कुछ सुनूं...
तुम्हे कुछ सुनाऊँ।
कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।
मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।
हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।
पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।
खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!
ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम...आस्था और विश्वास ही तो है।
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तुम्हारा ईश्वर...