रविवार, 1 मई 2016

झूठे दोस्त

‘मीठा झूठ’ बोलने से अच्छा है...‘कड़वा सच’ बोला जाए...

इससे आपको ‘सच्चे दुश्मन’ जरूर मिलेंगे...लेकिन ‘झूठे दोस्त’ नहीं...

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