‘श्रद्धा’ ज्ञान देती हैं,
‘नम्रता’ मान देती हैं,
और
‘योग्यता’ स्थान देती है !
पर तीनो मिल जाए तो..
व्यक्ति को हर जगह ‘सम्मान’ देती हैं....✍
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‘श्रद्धा’ ज्ञान देती हैं,
‘नम्रता’ मान देती हैं,
और
‘योग्यता’ स्थान देती है !
पर तीनो मिल जाए तो..
व्यक्ति को हर जगह ‘सम्मान’ देती हैं....✍
BHAGWAD GITA IN ONE Sentence per chapter
Chapter 1 :
Wrong thinking is the only problem in life
Chapter 2 :
Right knowledge is the ultimate solution to all our problems
Chapter 3 :
Selflessness is the only way to progress and prosperity
Chapter 4 :
Every act can be an act of prayer
Chapter 5 :
Renounce the ego of individuality and Rejoice in the Bliss of Infinity
Chapter 6 :
Connect to the Higher ConsciousNess Daily
Chapter 7 :
Live what you learn
Chapter 8 :
Never give up on yourself
Chapter 9 :
Value your blessings
Chapter 10 :
See divinity all around
Chapter 11 :
Have enough surrender to see the Truth as it is
Chapter 12 :
Absorb your mind in the Higher
Chapter 13 :
Detach from Maya and Attach to Divine
Chapter 14 :
Live a lifestyle that matches your vision
Chapter 15 :
Give priority to Divinity
Chapter 16 :
Being good is a reward in itself
Chapter 17 :
Choosing the right over the pleasant is a sign of power
Chapter 18 :
Let Go, Lets move to Union with God!
किनारे पर बैठे के समंदर को दोष देते है,
डूब जाते हैं तो मुकदर को दोष देते है.
सम्भल कर खुद नही चलते...
गिर जाते हैं तो पत्थर को दोष देते है..
Thought of the day:
Hurting someone is as easy as like Plucking a Leaf from Tree, But Making someone HAPPY is like Growing a Tree. It takes lot of Time, Care & Patience!
Good Day Ahead
जिंदगी में यदि कोई आपसे ये पूछे "क्या खोया और क्या पाया "है???...
तो पुरे विश्वास के साथ कहना कि
जो गाजर के हलुवे में डालते है वो खोया है
और
जो खटिया मे नीचे चार डंडे खडे है वो पाया है
हमेशा भावुक होने की जरूरत नहीं
शिष्टाचार कहता है कि किसी स्त्री
से उसकी उम्र और किसी पुरुष से
उसकी आय नहीं
पूछनी चाहिए ...
शायद इसके पीछे एक खूबसूरत अंतर्दृष्टि छुपी है कि....
कोई स्त्री कभी स्वंय के लिए नहीं जीती
और
कोई पुरुष
कभी स्वंय के लिए नहीं कमाता ।।।
जिंदगी मे हम कितने सही
और कितने गलत है
ये सिर्फ दो ही शक्स
जानते है
ईश्वर और अपनी
अन्तरआत्मा
और
हैरानी की बात है
कि दोनो ही नजर नहीं आते
....सुप्रभात
क्या खुब लिखा है...
पायल हज़ारो रूपये में आती है पर पैरो में पहनी जाती है... और... बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है... इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं...
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते... और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते...
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है... मिठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है... इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े... और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है...
अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है... इसीलिये दारू बेचने वाला कही नही जाता... पर दूध बेचने वाले को घर, गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है... और दूघ वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला... पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला पीते है...
वाह रे दुनियाँ और दुनियाँ की रीत...
"हम कड़वी गोली को
जल्दी से गटक जाते हैं..!
परंतु मीठी चॉकलेट को
खूब चबा कर खाते हैं।"
इसी तरह जीवन में..
बुरे समय को जल्दी भूलें।
और अच्छे समय का
खूब आनंद उठायें.!!"
‘मीठा झूठ’ बोलने से अच्छा है...‘कड़वा सच’ बोला जाए...
इससे आपको ‘सच्चे दुश्मन’ जरूर मिलेंगे...लेकिन ‘झूठे दोस्त’ नहीं...
""..एक व्यक्ति ने भगवन से पुछा,,
"""...तुझे कैसे रिझाऊं मैं,,
""...कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं...!!
""भगवान ने उत्तर दिया""
""...संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है।।
""...तेरे पास अपनी चीज सिर्फ तेरा "अहंकार" है,,
"""...जो मैनें नहीं दिया..""
""..उसी को तूं मेरे "अर्पण" कर दे,,,
""तेरा जीवन सफल हो जाएगा"" सुप्रभात्
अक्षय तृतीया जो इस वर्ष 9May को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी
- आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
ॐ नमः पार्वतीय पतये हर हर महादेव
जय श्री महाकाल